Friday, 14 July 2017

ख़्वाबों में महफ़िल है...

यकीं है मिलेंगे, ख़्वाबों में हम तुम,
मग़र बेकरारी में, नीदें कहाँ हैं..?

तुम्हीं से रौशन है, मेरी ये दुनिया,
तुम्हीं से खुशियों का कारवां है...

भले दूर हो तुम, जेहन में हो मेरे,
मोहब्बत दिलों में, अब भी जवां है...

फूलों में, खुशबू में, हो तुम हवा में,
तुम्हीं से यारा, ये दिलकश समां है...

चलो मूंद लेते हैं, आँखे हम अपनी,
ख़्वाबों में महफ़िल है, कहकशां है...

....©रवीन्द्र पाण्डेय💐💐
*9424142450#

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