गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
कर फ़तह मैदान हर, हौसलों को उड़ान दे।
मुल्क की सलामती के, हक में सारे बयान दे।
सींच दे इस मुल्क को, अपने लहू से ऐ रवीन्द्र।
तीन रंगों से निखरता, एक नया आसमान दे।
www.kaviravindra.com
ख़ुशनुमा सा इक सफ़र है, आँख में पानी है क्या.!!!...... दिल लगाकर देख लीजे, ज़िन्दगानी है क्या...?
कर फ़तह मैदान हर, हौसलों को उड़ान दे।
मुल्क की सलामती के, हक में सारे बयान दे।
सींच दे इस मुल्क को, अपने लहू से ऐ रवीन्द्र।
तीन रंगों से निखरता, एक नया आसमान दे।
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पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी रहा... ------------------------***-------------------- पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी...