आओ हिल मिल रंग लगाएँ,
अपनेपन के फूल खिलाएँ।
मगन रहें जीवन धुन में हम,
प्रेम रतन धन गीत सुनाएँ।
भूलें अनचाहे जख़्मों को,
नेह भरे मरहम भी लगाएँ।
मंज़िल कितनी दूर हो चाहे,
बिना रुके हम बढ़ते जाएँ।
दिन हो उनींदे रात हो काली,
चमकीले से ख़्वाब सजाएँ।
ओस की बूंदें आ पत्तों पर,
नित इंद्रधनुषी रंग बनाएँ।
एक सुंदर उपहार है जीवन,
हर दिन हम त्यौहार मनाएँ।
Ravindra Pandey
प्यारी बिटिया आद्या को जन्मदिन के सुअवसर पर कोटिशः बधाई एवं शुभकामनाएं...
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