Saturday, 26 June 2021

उम्मीदें रंगोली सजाने लगीं...

सुहानी सुबह मुस्कुराने लगी।

हवाएँ मिलन गीत गाने लगीं।।


बारिश की बूंदों ने छुआ बदन।

उम्मीदें रंगोली सजाने लगीं।।


सूरज मनाने गया छुट्टियाँ।

बदली भी पायल छनकाने लगी।।


नदिया जो गुमसुम, मायूस थी।

फिर हो कर जवां इतराने लगी।।


ज़मीं पर बने कदमों के निशां।

राहें फिर मेंहदी रचाने लगीं।।


किसी बात पर, जैसे रूठे पिया।

धरा सज संवर के रिझाने लगी।।


बदलना ही है, हर एक दौर को,

सबक ज़िन्दगी ये सिखाने लगीं।।


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Pic. courtesy google...



 

Wednesday, 23 June 2021

गीत सभी को गाना होगा...


टिकटिक कानों में बजती है, घड़ी कोई दिन भर चलती है।

चलते रहने को कहती है, यूँ ही चलते जाना होगा।।

सुंदर सा एक गीत है जीवन, गीत सभी को गाना होगा।।


गुज़र गया जो लौट ना पाये, बीता समय देख मुस्काए।

बच्चों संग मिल बैठ बराबर, जीवन सार सुनाना होगा।।

गीत सभी को गाना होगा...


बचपन खेल खिलौने वाला, यौवन से नित नया उजाला।

दीन बंधु, स्नेहिल स्वजनों को, गह कर गले लगाना होगा।।

गीत सभी को गाना होगा...


साहस, संयम यह दो अनुचर, कर्म चक्र गतिमान निरंतर।

थक कर अगर नींद भी आये, सुंदर स्वप्न सजाना होगा।।

गीत सभी को गाना होगा...


नेक काज, उत्तम अनुशासन,  सद्कर्मों का सतत प्रकाशन।

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, नित यह अलख जगाना होगा।।

गीत सभी को गाना होगा...


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पल दो पल के साथ का.....

पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी रहा... ------------------------***-------------------- पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी...