टिकटिक कानों में बजती है, घड़ी कोई दिन भर चलती है।
चलते रहने को कहती है, यूँ ही चलते जाना होगा।।
सुंदर सा एक गीत है जीवन, गीत सभी को गाना होगा।।
गुज़र गया जो लौट ना पाये, बीता समय देख मुस्काए।
बच्चों संग मिल बैठ बराबर, जीवन सार सुनाना होगा।।
गीत सभी को गाना होगा...
बचपन खेल खिलौने वाला, यौवन से नित नया उजाला।
दीन बंधु, स्नेहिल स्वजनों को, गह कर गले लगाना होगा।।
गीत सभी को गाना होगा...
साहस, संयम यह दो अनुचर, कर्म चक्र गतिमान निरंतर।
थक कर अगर नींद भी आये, सुंदर स्वप्न सजाना होगा।।
गीत सभी को गाना होगा...
नेक काज, उत्तम अनुशासन, सद्कर्मों का सतत प्रकाशन।
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, नित यह अलख जगाना होगा।।
गीत सभी को गाना होगा...
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बहुत ही सुंदर पंक्तिया
ReplyDeleteस्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए कोटिशः आभार...
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