Monday, 23 March 2020

हम नेक हैं इंसान...

लाचार किस कदर से, हो गया है इंसान।
सूनी  पड़ी  हैं  सड़कें, बाज़ार  हैं  वीरान।

आया ये दौर कैसा, दुनिया है बदहवाश।
धरती पे उतर आया, कहाँ से  ये शैतान।

धड़कन सहम गई हैं, साँसें  गई  हैं थम।
अमेरिका हो इटली, क्या चीन या ईरान।

बने रहें सजग हम, यही वक़्त की पुकार।
इंसानियत की बाकी, है इक यही पहचान।

आये हैं  देवदूत सब, लड़ने तेरी ख़ातिर।
डॉक्टर के रूप में ही, मौजूद हैं भगवान।

आओ रहें हम घर में, बाहर नहीं निकलें।
मिल-बैठ हँसें गायें, चेहरे पे हो मुस्कान।

ख़ुद पर भी रखें काबू, हुक्मरां पे भरोसा।
यही वक़्त है बता दें, हम नेक हैं  इंसान।

...©रवीन्द्र पाण्डेय 💐💐
छायाचित्र गूगल से साभार...
वैश्विक महामारी (COVID19) के विरुद्ध मानव जाति के एकजुट संघर्ष की बानगी...

Monday, 9 March 2020

जहां में कायम रहे उमंग...

फ़ागुन आया लेकर, अपने साथ में कितने रंग,
मगन  हुए हैं  ढोल नगाड़े, थिरकन लगे मृदंग।

अल्हड़ बाला भर पिचकारी प्रेम की करे फुहार,
सराबोर हुआ  रंगों से, चहुँ  मादक  अंग-तरंग।

गले मिल रहे साथ सभी के,  रंगे हुए  हैं  गाल,
मस्ती के आलम में भीगी,  दुनिया हुई मलंग।

लेकर  इन  रंगों को लिखें,  नई  ईबारत  आज,
मानवता के  सागर में  हों,  प्रेम ही  प्रेम तरंग।

भेदभाव का हो उन्मूलन, समरस  हो व्यवहार, 
प्रेम रंग जो चढ़ा  फिज़ा में, मन भाये  हुड़दंग।

होली  का  त्यौहार अनोखा, जोड़े  दिल के तार,
यही दुआ है 'रवीन्द्र', जहां में कायम रहे उमंग।

होली की रंगबिरंगी शुभकामनाएं...

...©रवीन्द्र पाण्डेय🌹🌹

पल दो पल के साथ का.....

पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी रहा... ------------------------***-------------------- पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी...