लाचार किस कदर से, हो गया है इंसान।
सूनी पड़ी हैं सड़कें, बाज़ार हैं वीरान।
आया ये दौर कैसा, दुनिया है बदहवाश।
धरती पे उतर आया, कहाँ से ये शैतान।
धड़कन सहम गई हैं, साँसें गई हैं थम।
अमेरिका हो इटली, क्या चीन या ईरान।
बने रहें सजग हम, यही वक़्त की पुकार।
इंसानियत की बाकी, है इक यही पहचान।
आये हैं देवदूत सब, लड़ने तेरी ख़ातिर।
डॉक्टर के रूप में ही, मौजूद हैं भगवान।
आओ रहें हम घर में, बाहर नहीं निकलें।
मिल-बैठ हँसें गायें, चेहरे पे हो मुस्कान।
ख़ुद पर भी रखें काबू, हुक्मरां पे भरोसा।
यही वक़्त है बता दें, हम नेक हैं इंसान।
...©रवीन्द्र पाण्डेय 💐💐
छायाचित्र गूगल से साभार...
वैश्विक महामारी (COVID19) के विरुद्ध मानव जाति के एकजुट संघर्ष की बानगी...
सूनी पड़ी हैं सड़कें, बाज़ार हैं वीरान।
आया ये दौर कैसा, दुनिया है बदहवाश।
धरती पे उतर आया, कहाँ से ये शैतान।
धड़कन सहम गई हैं, साँसें गई हैं थम।
अमेरिका हो इटली, क्या चीन या ईरान।
बने रहें सजग हम, यही वक़्त की पुकार।
इंसानियत की बाकी, है इक यही पहचान।
आये हैं देवदूत सब, लड़ने तेरी ख़ातिर।
डॉक्टर के रूप में ही, मौजूद हैं भगवान।
आओ रहें हम घर में, बाहर नहीं निकलें।
मिल-बैठ हँसें गायें, चेहरे पे हो मुस्कान।
ख़ुद पर भी रखें काबू, हुक्मरां पे भरोसा।
यही वक़्त है बता दें, हम नेक हैं इंसान।
...©रवीन्द्र पाण्डेय 💐💐
छायाचित्र गूगल से साभार...
वैश्विक महामारी (COVID19) के विरुद्ध मानव जाति के एकजुट संघर्ष की बानगी...