Monday, 9 March 2020

जहां में कायम रहे उमंग...

फ़ागुन आया लेकर, अपने साथ में कितने रंग,
मगन  हुए हैं  ढोल नगाड़े, थिरकन लगे मृदंग।

अल्हड़ बाला भर पिचकारी प्रेम की करे फुहार,
सराबोर हुआ  रंगों से, चहुँ  मादक  अंग-तरंग।

गले मिल रहे साथ सभी के,  रंगे हुए  हैं  गाल,
मस्ती के आलम में भीगी,  दुनिया हुई मलंग।

लेकर  इन  रंगों को लिखें,  नई  ईबारत  आज,
मानवता के  सागर में  हों,  प्रेम ही  प्रेम तरंग।

भेदभाव का हो उन्मूलन, समरस  हो व्यवहार, 
प्रेम रंग जो चढ़ा  फिज़ा में, मन भाये  हुड़दंग।

होली  का  त्यौहार अनोखा, जोड़े  दिल के तार,
यही दुआ है 'रवीन्द्र', जहां में कायम रहे उमंग।

होली की रंगबिरंगी शुभकामनाएं...

...©रवीन्द्र पाण्डेय🌹🌹

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