Tuesday, 27 April 2021

फिर सहर सुनहरी आएगी...


सुन  स्याह रात  के बाशिंदे,

फिर सहर सुनहरी आएगी।

दे कर नई सांसें जीवन को, 

फिर दुनियां को महकाएगी।।


फिर फूल खिलेंगे गुलशन में,

चिड़िया चहकेंगी  आँगन में।

फिर    बाग   बगीचे   झूमेंगे,

कोयल फिर कूक सुनाएगी।।


आबाद होंगी फिर पगडंडी,

पनघट पर पनिहारिन होंगी।

फिर  ताल  तलैया  मचलेंगे,

जब  बरखा  रानी  आएगी।।


जब साँझ  ढलेगी  दूर कहीं,

दिन खुद को सहज समेटेगा।

घर  लौटने  वाले  लोगों  के,

कदमों  की  आहट आएंगी।।


मिट जाएंगे बैर और गुमान,

आबाद  होंगे  सूने  मकान।

फिर पायल छनकेगी घर में,

दादी फिर  लोरी  सुनाएगी।।


तुलसी का बिरवा महकेगा,

फिर हवनकुंड भी दहकेगा।

गूँजेंगे फिर  से श्लोक, मंत्र,

दुल्हन  आरती  सजाएगी।।


www.kaviravindra.com

9424142450

2 comments:

  1. बहुत खूबसूरत भाव
    वह सुबह आएगी जरूर

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    1. इस साहित्यिक समर्थन हेतु अनंत आभार... @कविता रावत जी

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पल दो पल के साथ का.....

पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी रहा... ------------------------***-------------------- पल दो पल के साथ का, मुंतज़िर मैं भी...