ख़्वाब सजाए गुज़री रात,
सुबह सलोनी, महके पात।
चहकती चिड़िया दे संदेश,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
कलियाँ चटक के फूल हुए,
संशय सब निर्मूल हुए।
उपवन की अनुपम सौगात,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
भौरें फिर मंडरायेंगे,
अनुपम गीत सुनाएंगे।
कह डालेंगे दिल की बात,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
बिस्तर छोड़ किसान उठा,
हर मजदूर, जवान उठा।
सुधरेंगे फिर से हालात,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
समय सदा ना एक रहा,
धार भी लें तटबंध बहा।
सर्दी, गर्मी फिर बरसात,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
तू भी अपनी ऑंखें खोल,
बोल सहज ही मीठे बोल।
कर हालात से दो दो हाथ,
हुई नए दिन की शुरुआत।।
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#9424142450
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