Tuesday, 30 October 2018

और कितनी कुरबानी दें...

चौड़ी छाती है वीरों की,
गगनभेदी हुँकार है...
नाम धनंजय, रुद्र, विनोद,
करतम, माझी, करतार है...

अब तो कोई जतन करे,
कोई तो समाधान हो...
ऐसा ना हो सुंदर बस्तर,
खुशियों का शमशान हो...

दारुण दुःख सहते सहते,
देखो पीढ़ी गुज़र रही...
बारूदों के ढेर में बैठी,
साल की बगिया उजड़ रही...

तन आहत, अवसाद है मन में,
और कितनी कुरबानी दें...
उन्मूलन हो खूनी खेल का,
रंग लाल नहीं अस्मानी दें...

माँ की चिंता, व्यथा पिता की,
अब तो हल करना होगा...
ना उजड़े परिवार कोई,
यह दृढ़ निश्चय करना होगा...

आओ मिलकर खोजें हल,
भटके को धारा मूल मिले...
हरियर बस्तर झूम उठे फिर,
अमन शांति के फ़ूल खिले...


...©रवीन्द्र पाण्डेय💐💐💐

छत्तीसगढ़ के लाडले, वीर सपूत रुद्रप्रताप की शहादत को नमन...💐💐
     *9414142450#


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