अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति को प्रणम्य निवेदित पंक्तियाँ...
**********************************
सृजन को करती सदा जीवंत हैं ये नारियाँ,
हर विधा हर काल में ये शक्ति का पर्याय हैं...
गोद में खेले ये जब, भर दे हमें वात्सल्य से,
रूप लें सीता का तो ये त्याग का अभिप्राय हैं...
कर समर्पण मन वचन मीरा बनी है रानियाँ,
रक्त पूरित त्याग कर बनती ये पन्ना धाय है...
गगन के जो पार जाकर, प्रेम का संदेश दें,
कल्पना साकार कर, तारों-सा जगमगाए हैं...
ठान ले मन में यदि, अवनी झुका दें आसमां,
नाम जो इंदिरा का लें दुश्मन भी थरथराए हैं...
विधाता हमें ज्ञान दो, सम्मान उनका कर सकें,
प्रेम सिंचित धरा को, गुलशन-सा जो महकाए हैं...
...©रवीन्द्र पाण्डेय 💐💐
*9424142450# www.kaviravindra.com
**********************************
सृजन को करती सदा जीवंत हैं ये नारियाँ,
हर विधा हर काल में ये शक्ति का पर्याय हैं...
गोद में खेले ये जब, भर दे हमें वात्सल्य से,
रूप लें सीता का तो ये त्याग का अभिप्राय हैं...
कर समर्पण मन वचन मीरा बनी है रानियाँ,
रक्त पूरित त्याग कर बनती ये पन्ना धाय है...
गगन के जो पार जाकर, प्रेम का संदेश दें,
कल्पना साकार कर, तारों-सा जगमगाए हैं...
ठान ले मन में यदि, अवनी झुका दें आसमां,
नाम जो इंदिरा का लें दुश्मन भी थरथराए हैं...
विधाता हमें ज्ञान दो, सम्मान उनका कर सकें,
प्रेम सिंचित धरा को, गुलशन-सा जो महकाए हैं...
...©रवीन्द्र पाण्डेय 💐💐
*9424142450# www.kaviravindra.com